स्वागत है आपका हमारी वेबसाइट पर यहाँ पर आप मध्य प्रदेश में कृषि से संबंधित सामान्य ज्ञान यहाँ पर पढ़ सकते हैं। मध्य प्रदेश से संबंधित सामान्य ज्ञान पढ़ने के लिए निचे भी पढ़ सकते हैं।
मध्य प्रदेश की 79 प्रतिशत आबादी कृषि पर ही निर्भर है।
मध्य प्रदेश में कुल 6.32 लाख कृषक परिवार है।
राज्य के लगभग 49 प्रतिशत भाग पर कृषि की जाती है।
अनाज उत्पादन में म. प्र. का देश में 9 वां स्थान है। देश के कुल उत्पादन का 4.65 प्रतिशत।
प्रति व्यक्ति बोया गया क्षेत्रफल 0.30 हेक्टेयर है।
सर्वाधिक जोत का आकार हरदा है।
Contents
1 मध्य प्रदेश भूमि उपयोग (2011 – 2012) हज़ार हेक्टेयर
1.1 मध्य प्रदेश में कृषि जोत (कृषि संगणना 2000-1)
1.2 मध्य प्रदेश के कृषि क्षेत्र
2 Madhya Pradesh वन सम्पदा संबंधित सामान्य ज्ञान
3 MP GK Quiz Test in Hindi 2021 – 2022 | मध्य प्रदेश प्रश्नोत्तरी
4 मध्य प्रदेश में कृषि से संबंधित सामान्य ज्ञान | MP Krishi GK Hindi
5 राज्य की परिवहन व्यवस्था
6 मध्य प्रदेश में संचार की सुविधा से संबंधित सामान्य ज्ञान
6.1 मध्य प्रदेश कृषि महत्वपूर्ण बिंदु
6.2 पशुपालन एवं कुक्कुट पालन मध्य प्रदेश में
6.3 प्रमुख फसलों में मध्य आदेश का देश में स्थान
मध्य प्रदेश भूमि उपयोग (2011 – 2012) हज़ार हेक्टेयर
मध्य प्रदेश भूमि उपयोग
कृषि योग्य बंजर भूमि – 1056
कुल पड़ती भूमि – 1049
शुद्ध बोया गया क्षेत्रफल – 15223
कुल बोया गया क्षेत्रफल – 22149
द्वीफसली क्षेत्रफल – 10506
शुद्ध सिंचित क्षेत्र का शुद्ध बोये गए क्षेत्र से प्रतिशत – 52.47
शुद्ध सिंचित क्षेत्रफल – 7880.1
कृषि गहनता – 139%
मध्य प्रदेश में कृषि जोत (कृषि संगणना 2000-1)
कृषि जोतों की संख्यां – 73.60 लाख।
कृषि जोतों का क्षेत्रफल – 163.72 लाख हेक्टेयर।
कृषि जोतों का औसत आकार – 2.2 हेक्टेयर।
मध्य प्रदेश के कृषि क्षेत्र
कृषि विभाग द्वारा मध्य प्रदेश को 5 कृषि प्रदेशों में विभाजित किया गया है –
पश्चिम में काली मिटटी का मालवा प्रदेश: मंदसौर, नीमच, रतलाम, झाबुआ, बड़वानी, हरदा, धार, देवास, उज्जैन, शाजापुर, इंदौर, खंडवा, खरगौन आदि ज्वार एवं कपास के प्रदेश हैं।
उत्तर में ज्वार – गेहूं का प्रदेश: मुरैना श्यौपुर, भिण्ड, ग्वालियर, दतिया, शिवपुरी, गुना, छत्तरपुर तथा टीकमगढ़ ज़िला में है।
मध्य प्रदेश का प्रदेश: इसमें भोपाल, सीहोर, होशंगाबाद, नरसिंहपुर, रायसेन, विदिशा, सागर तथा दमोह ज़िले शामिल है।
चावल – गेहूं का प्रदेश: इसमें उत्तर में पन्ना, सतना, कटनी, उमरिया, जबलपुर, तथा सिवनी के दक्षिण तक ही पेटी शामिल है।
सम्पूर्ण पूर्वी मध्य प्रदेश: इसमें रीवा, सीधी, शहडोल, डिण्डौरी, मंडला, बालाघाट, आदि ज़िले सम्मिलित है।
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Madhya Pradesh वन सम्पदा संबंधित सामान्य ज्ञान
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मध्य प्रदेश में कृषि से संबंधित सामान्य ज्ञान | MP Krishi GK Hindi
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राज्य की परिवहन व्यवस्था
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मध्य प्रदेश में संचार की सुविधा से संबंधित सामान्य ज्ञान
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Last Updated on April 20, 2021 by eGKhindi Contents1 समाचार पत्र पत्रिकाएं1.1 वर्तमान में प्रकाशित अन्य स्थलों के प्रमुख पत्र 2 आकाशवाणी – रेडियो2.1 मुख्य आकाशवाणी केंद्र 2.2 स्थापना वर्ष 3 डाक – तार4 दूरसंचार समाचार पत्र पत्रिकाएं मध्य प्रदेश में पत्रकारिता की शुरुआत उर्दू भाषा से हुई। पहली हिंदी मासिक पत्रिका 1915 में इंदौर से निकली। मध्य […]
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मध्य प्रदेश कृषि महत्वपूर्ण बिंदु
मध्य प्रदेश में सोयाबीन की सर्वाधिक उत्पादकता एवं उत्पादन उज्जैन जिले में है।
मध्य प्रदेश में देश का 59 प्रतिशत सोयाबीन उत्पादित होता है।
मध्य प्रदेश में सबसे अधिक उत्पादन सोयाबीन का है। मालवा का पठार गेहूं का सबसे बड़ा उत्पादक क्षेत्र है।
सर्वाधिक मूंगफली का उत्पादन खरगौन ज़िले में है।
चने का प्रमुख उत्पादक क्षेत्र होशंगाबाद है।
गन्ने का सर्वाधिक उत्पादन निमाड़ क्षेत्र में होता है।
राष्ट्रिय सोयाबीन अनुसंधान केंद्र इंदौर में है।
इंदौर में देश का प्रथम जैविक खाद इकाई स्थापित है।
सहकारी क्षेत्र में कीटनाशक संयंत्र कटनी में है।
प्रदेश में पिली क्रांति का संबंध सरसों, अलसी और सोयाबीन के उत्पादन से है।
महिला किसानों के प्रशिक्षण की योजना डेनमार्क सरकार की सहायता संचालित है।
रबी की प्रमुख फसलों में गेहूं, चना, मटर, अलसी, तेवड़ा, सरसों आदि प्रमुख है।
प्रदेश में सर्वाधिक कृषि जोत का आकार हरदा जिले में है।
देश की सर्वाधिक परती भूमि मध्य प्रदेश में है।
सर्वाधिक शुद्ध कृषित भूमि वाला जिला उज्जैन है।
न्यूनतम शुद्ध कृषित भूमि वाला जिला मण्डला है।
राज्य का सिंचाई की दृष्टि से देश में 13 वां स्थान है।
राज्य में सर्वाधिक क्षेत्रफल पर सोयाबीन की खेती की जाती है एवं दूसरे स्थान पर गेहूं उगाया जाता है।
गेहूं का सर्वाधिक उपज दर मुरैना जिले में पाई जाती है।
प्रदेश में चावल का सर्वाधिक उपज दर ग्वालियर में है।
राज्य में सोयाबीन की कृषि देवास ज़िले में प्रारम्भ हुई थी।
राज्य में सन 1960 में सर्वप्रथम मंडी अधिनियम पारित किया गया था।
पशुपालन एवं कुक्कुट पालन मध्य प्रदेश में
राज्य में पशुओं में सबसे बड़ी संख्या बकरियों की है।
राज्य में पशु घनत्व 110 पशु प्रति वर्ग किमी. है।
राज्य में सर्वाधिक पशु घनत्व टीकमगढ़ में तथा न्यूनतम पशु घनत्व होशंगाबाद जिले में पाया जाता है।
राज्य में सर्वाधिक पशु संख्या सीधी जिले में तथा न्यूनतम पशु संख्या बुरहानपुर जिले में पाई जाती है।
मध्य प्रदेश में कृषि विभाग का नाम बदलकर किसान कल्याण तथा कृषि विभाग कर दिया गया है।
मालवा पठार को प्रदेश का गेहूं भंडार कहा जाता है।
प्रदेश में सर्वाधिक मात्रा में नाइट्रोजन उर्वरकों का प्रयोग होता है।
प्रदेश में भूमि विकास निगम की स्थापना 1977-78 में की गई थी।