May 15, 2021May 15, 2021 eGKhindi Bihar, GK Hindi
Last Updated on May 15, 2021 by eGKhindiबिहार के सांस्कृतिक परिवेश में लोकगीतों का स्थान बहुत महत्वपूर्ण है। भारत में क्षेत्रीयता के आधार पर लोकगीतों की अपनी अलग ही पहचान है। प्रत्येक राज्य में लोकगीतों की अपनी ही परम्परा रही है। इन्ह लोकगीतों में पर्व त्यौहार, शादी- विवाह, जन्म, मुंडन, जनेऊ आदि अवसरों पर गाये जाने वाले गीत होते हैं। इन्ह गीतों में माधुर्यता और भावकुता का समावेश होता है।
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1 बिहार की लोक संस्कृति से संबंधित सामान्य ज्ञान
1.1 बिहार के प्रमुख लोक गीत
1.2 बिहार के प्रमुख लोकनृत्य
1.3 बिहार के प्रमुख लोक नाट्य
बिहार की लोक संस्कृति से संबंधित सामान्य ज्ञान
यहाँ भाषायी लोकगीतों में विविधिता होते हुए भी संवेदनशीलता का अदभुत रस है, जो छंद के आधार पर तो नहीं, लेकिन लय के आधार पर कर्णप्रिय होता होता है। अंगिका लोकगीत प्राकृतिक सौंदर्य का मनभावन वर्णन करते हैं। वर्तमान समय में भोजपुरी लोकगीत ने राष्ट्रिय स्तर पर अपनी पहचान बना ली है। बिहार की लोकगीत संस्कृति को निम्न वर्गों में बनता गया है –
bihar gk hindi
बिहार के प्रमुख लोक गीत
संस्कार गीत
ऋतुगीत
पर्वगीत
जाती संबंधी गीत
पेशागीत
बालक्रीड़ा गीत
भजन या श्रुति गीत
गाथा गीत
विशिष्ट गीत
बिहार के प्रमुख लोकनृत्य
करमा नृत्य
छउ नृत्य
झिंझिया नृत्य
विद्यापत नृत्य
कठघोड़वा नृत्य
धोबिया नृत्य
पवड़िया नृत्य
जोगीड़ा नृत्य
झरनी नृत्य
करिया झूमर नृत्य
खीलडीन नृत्य
गंगिया नृत्य
मांझी नृत्य
गोंडिन नृत्य
लौढ़ियारी नृत्य
धन – कटनी नृत्य
बोलबै नृत्य
देवहर नृत्य
बगुलो नृत्य
कजरी नृत्य
बसंती नृत्य
बिहार के प्रमुख लोक नाट्य
जट – जटिन
अकुली – बंका
सामा – चकेवा
किरतनियां (नारदी)
डोमकच
विदेशिया